स्पोट प्राइस और स्ट्राइक प्राइस क्या होता है? | what is spot price and strike price in option trading

स्पोट प्राइस और स्ट्राइक प्राइस क्या होता है? | what is spot price and strike price in option trading

नमस्ते दोस्तों, जब बी कोई नया ट्रेडर आता तो वह Option trading की तरफ सबसे ज्यादा आकर्षित होता है। और ये लगता है की अगर मार्केट उपर जाये तो call option खरीदो और मार्केट नीचे जाये तो Put option खरीद के मुनाफा कमा सकते है। पर उसे ये नही पता की ये शेयर मार्केट है लाला यहा पैसे कामना इतना आसान नही। spot price kya hota hai

 
What is spot price and strike price in option trading

 

 
Option trading मे ट्रेडिंग करके मुनाफा कमाने के लिये आपको बहत सारी चीजो के बारेमे पता होना चाहिए जैसे की strike price, ATM OTM and ITM , Option Greeks, volume और open intrest वगेरा वगेरा। 
 
पर इस लेख मे हम सिर्फ spot price और strike price  क्या होता है? | What is meaning of spot price and strike price  in stock market? ,what is spot price and strike price in option trading के भरे मे ही जाने गे तो चलिये शुरू करते है। 
 
आये जानते है की Option trading मे स्पोट प्राइस और स्ट्राइक प्राइस क्या होता है? 
 

Option trading मे स्पोट प्राइस क्या होता है? 

स्पॉट प्राइस (spot price) :-What is meaning of spot price

 
Spot price किसी भी एसेट की वह कीमत होती है जिस पर वह उस समय बाजार में खरीदा या बेचा जा सकता है। यह वही कीमत है जो आप किसी स्टॉक, कमोडिटी या मुद्रा को खरीदने या बेचने के लिए भुगतान करेंगे।

आसान शब्दो मे स्पोट प्राइस किसी स्टॉक या इंडेक्स का वह मूल्य होता है जहा वह अभी खड़ा है। 

Spot price कबी भी एक मूल्य नही होता वो समय और demand and supply  के साथ बदलता रहता है। 

अच्छा अब आपको ये बी सवाल होता होगा की स्पॉट प्राइस कैसे बदलता रहता है? 

 

स्पॉट प्राइस कैसे बदलता रहता है? 

स्पॉट प्राइस बदलने का मुख्य कारण बाजार मे शेयर की मांग और बेचने पर होती है। अगर बाजार मे शेयर को खरीदने की मांग बहत ज्यादा है पर बाजार मे देने के लिये उतने शेयर नही होते तो उस शेयर की कीमत बड़ती है और उसी के कारण स्पॉट प्राइस की कीमत मे बी बडोत्रि होती है। 
 
उसी तरह अगर बाजार मे उस कंपनी के शेयर  बेचने के लिये बहत ज्यादा शेयर हो पर उस शेयर को खरीदने के लिये मांग ना हो तो शेयर की कीमत कम होती है और साथ ही साथ स्पॉट प्राइस की कीमत भी कम होती है। 
 
 
 

Option trading मे स्पॉट प्राइस कैसे पता करे? | how to find spot price in Option trading

 
Option trading मे स्पॉट प्राइस पता करने के लिये किसी गणित की जरुरत नही पड़ती। स्पॉट प्राइस जानने के लिये आपको जिस स्टॉक या इंडेक्स की स्पॉट प्राइस पता लगानी है उस शेयर की कीमत देखनी आनी चाहिये क्यो की शेयर या इंडेक्स  की कीमत ही स्पॉट प्राइस लीयि जाती है । 
 

Option trading मे स्पॉट प्राइस का उदाहरण 

Option trading मे स्पॉट प्राइस जानने के लिये मेने 2 index लिये है NIFT 50 और BANK NIFTY। और समझने ने के लिये मेने Upstox broker app का उपयोग किया है। 
 
Nifty50 and Nifty bank spot price

 
जैसा आप फोटो मे देख सकते है मेने अपनी वॉच लिस्ट मे २ इंडेक्स को लिया है १.Nifty 50 और २.Nifty bank
 
१.Nifty 50 :- जैसा आप देख सकते हो निफ्टी50 की कीमत +114.75बड़ी है आज के दिन जिसे Nifty 50 की मूल कीमत 19,638.30 हुई है। और इसे ही हम spot price ( स्पॉट प्राइस) कहेंगे। 
 
२. Bank Nifty :- Nifty 50 की तरह आप देख सकते है की बैंक निफ्टी आज +283.60 रूपे उपर गयी है यानी Bank Nifty का कुल मूल्य आज 44,584.55 हुआ है जोकि हमार आजका स्पॉट प्राइस है। 
 

Option trading मे स्ट्राइक प्राइस क्या होता है? 

स्ट्राइक प्राइस :- What is meaning of  strike price

Strike price एक डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की वह कीमत होती है जिस पर उस कॉन्ट्रैक्ट का एक्सरसाइज किया जा सकता है। डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट वित्तीय उपकरण होते हैं जिनका मूल्य किसी अंतर्निहित एसेट की कीमत पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य प्रकार के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स, ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स और स्वैप कॉन्ट्रैक्ट्स शामिल हैं।

आसान शब्दो मे स्ट्राइक प्राइस किसी स्टॉक या इंडेक्स का वह मूल्य होता है जहा वह अगले आने वाले समय मे जाने वाला है। 

स्टॉक मार्केट मे Strike price सिर्फ demand and supply  से नही बदलता परंतु बदलने के लिये बहत सारे कारण होते है जैसे की Time decay, Market volatility और volume वगेरा। ये सभी बहत कीमती विषय है इस लिये हम इनको किसी अलग लेख मे जानेंगे। 

स्ट्राइक प्राइस कैसे पता करे? 

वैसे तो आप शेयर बाजार मे  स्ट्राइक प्राइस आने वाले समय मे कोनसा होगा वो पता करना उतना आसान नही है। पर आप अनुमान लगा सकते हो की अगले कुछ समय मे ये शेयर या इंडेक्स उपर की तरफ जायेगा या नीचे की तरफ जायेगा और कितने पॉइंट तक जायेगा। 

अपने अनुमान को आप सफल करने के लिये आप उस शेयर की या इंडेक्स की fundamental and techanical  Analysis कर सकते हो। 

Option trading मे Strike price का उदाहरण

Option trading मे strike price को उदाहरण से समझ ने के लिये मेने Nifty 50 इंडेक्स लिया है। तो चलिये इसे समझते है। 

Nifty 50 strike price

 

 

 ये एक Nifty 50 का option chain है। जो Upstox मे दिया जाता है। Nifty 50 के हर एक option कॉन्ट्रैक्ट के बीच मे 50 point का अंतर होता है। 

इस फोटो मे आप दाएँ तरफ देखोगे तो आपको Nifty 50 का नाम दिखेगा उसके ठीक सामने आपको 19,638.30 दिखेगा जो है हमारा स्पॉट प्राइस। 

अब थोड़ा सा नीचे आये तो हमे calls और Puts देखने को मिलेगा और इन दोनों की ठीक नीचे OI and LTP और इन दोनों के बीचमे हमे लिखा दिखेगा अंग्रेजी मे Strike। इस strike की पूरी सीधी रेखा को हम कहते है स्ट्रिके प्राइस। बहत सारे लोग इसे option chain भी कहते है। 

उदाहरण:- मनलो की Nifty 50 थोड़े समय या 2 गंटे मे  62 point की मोवमेंट देती है। तो हमारी   स्ट्राइक प्राइस या तो 17,576.30 हो सकता है या तो 17,700.30। क्यो की हमे ये नही पता की nifty 50 किस तरफ मोवमेंट देगा। 

अब मनलो की आप को लग रहा है की Nifty 50 उपर जायेगा और अपने 17,650 option खरीदा और कुछ समय के बाद Nifty 50 +62 point का उपर की तरफ मोवमेंट देता है। जिसे आपको मुनाफा हो पर अलग मार्केट -62 नीचे गिर जाता है तो आपको नुक्सान होगा। 

मे उमीद करता हु की आपको यहाँ तक समझ आ गया होगा नही आया तो comment करिये मे कोसिस करूँगा आपको सिखाने की। 

 

स्टॉक मार्केट में स्ट्राइक प्राइस कैसे सेलेक्ट करे? | How to select strike prince in stock market

अच्छा स्ट्राइक प्राइस सेलेक्ट कैसे करे एक महत्वपूर्ण निर्णय है, क्योंकि यह आपके मुनाफे या नुकसान को तय करेगा। अगर आप कॉल ऑप्शन खरीदते हैं और स्ट्राइक प्राइस से कम पर समाप्त होता है, तो आपको नुकसान होगा। यदि आप पुट ऑप्शन खरीदते हैं और स्ट्राइक प्राइस से अधिक पर समाप्त होता है, तो आपको नुकसान होगा।

स्ट्राइक प्राइस का सेलेक्ट करते समय, आपको नीचे की बातों को ध्यान में रखना चाहिए:

  •  वर्तमान कीमत: स्ट्राइक प्राइस चुने गये स्टॉक या इंडेक्स की वर्तमान(spot price)कीमत के करीब होनी चाहिए। यदि स्ट्राइक प्राइस वर्तमान कीमत से बहुत अधिक या बहुत कम है, तो आपके ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट मे पैसे कमाने की संभावना कम है।
  •  एसेट की अस्थिरता: यदि चुने गये स्टॉक या इंडेक्स अत्यधिक अस्थिर है, तो आपको स्ट्राइक प्राइस की पसंदगी सावधानी से करना चाहिए। अगर स्ट्राइक प्राइस अस्थिरता के लिए पर्याप्त रूप से दूर नहीं है, तो आपके ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के पैसे कमाने की संभावना कम है।
  • निवेश रणनीति: यदि आप एक कंजर्वेटिव निवेशक हैं, तो आपको पैसे बने की ज्यादा संभावना वाले ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट का सेलेक्ट करना चाहिए। अगर आप एक आक्रामक निवेशक हैं, तो आप ऐसे ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट का  सेलेक्ट कर सकते हैं जिसमें पैसे खोने की संभावना कम हो, लेकिन मुनाफे की क्षमता अधिक हो।

अब हमने जान लिया की Option trading मे स्पोट प्राइस और स्ट्राइक प्राइस क्या होता है? तो आगे बड़ते हुवे हम जानते है की स्पोट प्राइस और स्ट्राइक प्राइस अंतर क्या है? 

 

स्पोट प्राइस और स्ट्राइक प्राइस अंतर क्या है? 

 
आये एक टेबल की मदत से स्पोट प्राइस और स्ट्राइक प्राइस  के बीच का अंतर क्या है? 
 
विशेषता

स्पोट प्राइस

स्ट्राइक प्राइस
परिभाषा किसी परिसंपत्ति की वर्तमान बाजार कीमत वह मूल्य जिस पर एक डेरिवेटिव अनुबंध का प्रयोग किया जा सकता है
मूल्य का प्रकार उद्धृत मूल्य सहमत मूल्य
कब लागू होता है सभी प्रकार की संपत्तियां केवल डेरिवेटिव अनुबंध
अस्थिरता अस्थिर तय
उपयोग एक डेरिवेटिव अनुबंध के आंतरिक मूल्य की गणना करने के लिए यदि किसी डेरिवेटिव अनुबंध का प्रयोग किया जाता है तो उस पर होने वाले लाभ या हानि को निर्धारित करने के लिए
निर्धारित कैसे होता है स्पॉट मूल्य बाजार में आपूर्ति और मांग की ताकतों द्वारा निर्धारित होता है। स्ट्राइक मूल्य डेरिवेटिव अनुबंध में शामिल दो पक्षों द्वारा सहमति के अनुसार तय किया जाता है।
 
 

FAQs:- ( स्पोट प्राइस और स्ट्राइक प्राइस क्या होता है?) 

Call और put strike price मे से ज्यादा मुनाफा किसमे होता है? 

अगर स्टॉक की कीमत कम हो रही है तो put वाली strike price मे मुनाफा होगा और अगर कीमत उपर की तरफ जा रही है तो call मे ज्यादा मुनाफा होगा। 
 

Strike price के कितने प्रकार है? 

Strike price के कुल तीन प्रकार है 1.ATM 2.OTM 3.ITM
 

स्टॉक बाजार मे option trading क्या है? 

शेयर बाजार में Option trading एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें एक खरीदार और एक विक्रेता किसी संपत्ति को एक निश्चित समय में एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीदने या बेचने के लिए सहमत होते हैं। संपत्ति एक स्टॉक, एक इंडेक्स, या एक फ्यूचर्स अनुबंध हो सकता है।
 

 अगर आप शेयर बाजार में एक bignner है तो ये जरूर पड़िये गा

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